गड़चिरोली, ब्यूरो। ज़िले के ग्रामसभाओं के लिए कौशल्य व क्षमता विकास सन्दर्भ में कार्यक्रम लेकर गौण वनोपज के माध्यम से उनकी क्षमता व बड़े पैमाने पर उत्पन्न लेने के लिए सक्षम करने के उद्देश्य से ज़िला प्रशासन व विभिन्न ग्रामसभाओं के बीच सामंजस्य करार होगा. इसकी ऐतिहासिक शुरुआत ज़िलाधीश कार्यालय बुधवार को लेखा-मेंढा इस ग्रामसभा से की गई है. ज़िला परिवर्तन समिति के अध्यक्ष तथा जिलाधीश संजय मीणा व ग्रामसभा द्वारा देवाजी तोफा ने सामंजस्य करार पर हस्ताक्षर किया. इस समय वृक्षमित्र गड़चिरोली के संयोजक मोहन हीराबाई हीरालाल, डा. रुपेन्द्रकुमार गौर, डा. कुंदन दुफारे, केशव गुरनुले, बाजीराव नरोटे, रमेश दुग्गा, सचिन उईके आदि उपस्थित थे.
ज़िले का सर्वांगीण विकास करने के लिए और नए संकल्पनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए ज़िला स्तर पर ज़िलाधीश की अध्यक्षता में ज़िला परिवर्तन समिति एकल केंद्र की स्थापना की गयी है. ज़िले के सर्वसाधारण आदिवासी नागरिकों का जीवनस्तर बढ़ाने और आवश्यक रोजगार निर्मिति के लिए गौण वनोपज आधारित ग्रामसभा के समन्वयक से आगे बढ़ाने की योजना तैयार की गयी है. जिलाधीश संजय मीणा की संकल्पना से इसमें विभिन्न ग्रामसभाओं का समावेश किया गया है. जैवविविधता संवर्धन व शाश्वत विकास इस संकल्पना से आदिवासियों के उपजीविका के विकास के लिए गौण वनोपज पर आधारित यह प्रकल्प शुरू किया गया है.
ग्रामसभाओं का सहयोग महत्वपूर्ण : इस ऐतिहासिक कार्य की शुरुआत में ग्रामसभाओं का महत्त्व प्रमुख है. प्रशासन के साथ काम करते समय उन्हें कच्चे माल का संकलन सुलभ करनेवाली प्रमुख संस्था कार्य करेगी. प्रकल्प के विभिन्न उपक्रम आम नागरिकों तक पहुँचाने के लिए ज़िला परिवर्तन समिति को ग्रामसभा सहयोग करेगी. स्थानीय स्तर पर ज़िला परिवर्तन और प्रकल्प अंतर्गत सभी कार्यों को सहयोग देने व मदद करने का काम ग्रामसभा करेगी.
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