प्रिय साथी,
जय जगत!
हमारे प्रिय साथी श्री. देवाजी तोफा को गोंडवाना विद्यापीठ, गडचिरोली ने दि. १२ अक्तूबर २०२१ को हुए दीक्षांत समारोह में मा. राज्यपाल, महाराष्ट्र राज्य के हाथो मानद मानवविज्ञान पंडित (D.Litt.) प्रदान की |


श्री. देवाजी “प्रिया” के सहयोग से १९८९-९० में गडचिरोली जिले के धानोरा तहसील के २२ गावो के साथ जंगल और लोक इस विषय पर हुए सहभागी अध्ययन से इस काम में हमारे साथ जुड़े है तथा आज भी सक्रीय है| औपचारिक स्कूली पढाई में वे मात्र ४ थी पास है|
ग्रामसभा, मेंढा(लेखा), तह. धानोरा, जिला गडचिरोली –
२००९ में वन अधिकार कानून के तहत सामुदायिक वन अधिकार का दावा कर अधिकार पत्र प्राप्त करने वाली देश की पहली ग्रामसभा
विनोबा के जाने के ३५ साल बाद सर्वसहमति से व्यक्तिगत मलिकी समाप्त कर “ग्रामदान’ घोषित करने वाला गाव.
“दिल्ली मुंबई में हमारी सरकार, हमारे गाव में हमही सरकार !” का नारा दे कर उस पर अमल करने वाली ग्रामसभा.
ऐसी ग्रामसभा के श्री. देवाजी तोफा सन्माननीय नागरिक, मतदार है|
सस्नेह
मोहन हिराबाई हिरालाल
“प्रिया” – नई दिल्ली स्थित संस्था – Participatory Research in Asia – PRIA
(लेखक की भेजी ई-मेल से)
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कहानी मेंढा गॉँव की – लेखक मिलिंद बोकील. गडचिरोली के मेंढा गॉंव ने गांधीवादी तरीके से लम्बे संघर्ष के बाद स्वशासन का अधिकार प्राप्त किया, उसकी यह कहानी है.
मेंढा-लेखा गावाने घडवलेले निसर्ग-संवर्धन व स्वराज्य यांबद्दल (इंग्रजीत) माहितीसाठी लिंक https://www.iccaconsortium.org/index.php/2018/03/26/village-mendha-lekha-icca-in-maharashtra-india/